मित्रो यहा आपके लिये 75 साल पुरानी पुस्तक के अशं अवलोकन के लिये रख रहा हम आप इसका लाभ उठाये इसके चार पृष्ठ है
नर हो न निराश करो मन को
कुछ काम करो कुछ काम करो
जग में रहके निज नाम करो
यह जन्म हुआ किस अर्थ अहो
समझो जिसमें यह व्यर्थ न हो
कुछ तो उपयुक्त करो तन को
नर हो न निराश करो मन को
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