सोमवार, 22 अप्रैल 2013

जिसने भी जप का महत्व समझ लिया


गीता के दशम अध्याय में अपनी विभूतियों का वर्णन करते हुए भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है कि यज्ञों में मैं जपयज्ञ हूं इसका लाभ उठाये और ग्रहण काल मे यज्ञ व जप करे 
वीर शिवाजी के गुरु रामदास को आध्यात्मिक ऊंचाइयां श्रीराम जयराम जय जय राम के जप से मिलीं, जिसे उन्होंने गोदावरी के जल में खड़े होकर तेरह करोड़ बार जपा। स्पष्ट है कि जप की महत्ता अनिर्वचनीय और लोक हितकारी है।
जिसने भी जप का महत्व समझ लिया और अपने तथा लोक के कल्याण के लिए इसका सहारा लिया उसे इसका लाभ मिलना तय है। 
प० राजेश कुमार शर्मा भृगु ज्योतिष अनुसन्धान एवं शिक्षा केन्द्र सदर गजं बाजार मेरठ कैन्ट 09359109683

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